भिवानी हरियाणा राज्य का एक प्रमुख शहर है, जिसे "छोटा काशी" भी कहा जाता है क्योंकि यहां कई मंदिर स्थित हैं। शहर संतों और महापुरुषों की तपोभूमि रहा है। भिवानी में सूती कपड़ों और बुनाई उद्योग का भी बड़ा योगदान है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह हरियाणा का एक महत्वपूर्ण जिला है।
क्षेत्र
[सम्पादन]भिवानी जिला हरियाणा राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 4,778 वर्ग किलोमीटर है। यह हरियाणा का तीसरा सबसे बड़ा जिला है (क्षेत्रफल के अनुसार)। भौगोलिक दृष्टि से भिवानी थार मरुस्थल के किनारे स्थित है, और इसके पश्चिम में राजस्थान राज्य स्थित है।
शहर
[सम्पादन]भिवानी जिला मुख्यालय के रूप में प्रसिद्ध है और हरियाणा का प्रमुख नगर है।
अन्य जानकारी
[सम्पादन]इतिहास
[सम्पादन]भिवानी शहर की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम भीम की पत्नी 'भीवानी' के नाम पर पड़ा। मुग़लकाल और ब्रिटिश काल में यह क्षेत्र प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा। यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी जाना जाता है।
भिवानी हरियाणा का एक प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है, जिसकी जड़ें वैदिक काल से जुड़ी हुई मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र का नाम “भवानी देवी” के नाम पर पड़ा, जो माता दुर्गा का एक रूप हैं। एक मान्यता के अनुसार, प्रसिद्ध राजा की पत्नी भवानी देवी ने इस नगर को बसाया था, और उसी के नाम पर इसका नाम “भवानी” से बदलकर “भिवानी” पड़ा।
भिवानी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ के अनेक वीरों ने देश की आज़ादी के लिए अपना बलिदान दिया। इसके अलावा भिवानी शिक्षा, व्यापार और खेल के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक रूप से समृद्ध रहा है। भारत के कई प्रसिद्ध पहलवान और खिलाड़ी भिवानी से संबंध रखते हैं, जिसके कारण इसे "मिनी क्यूबा" (Mini Cuba) भी कहा जाता है।
मौसम
[सम्पादन]गर्मी के मौसम में तापमान 45°C तक पहुँच जाता है, जबकि सर्दियों में यह 5°C तक गिर सकता है। वर्षा सामान्यतः जुलाई से सितंबर के बीच होती है।
यात्रा
[सम्पादन]भिवानी हरियाणा राज्य का एक प्रमुख शहर है जो सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली, हिसार, रोहतक, चंडीगढ़ आदि शहरों से भिवानी तक बस और ट्रेन सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध हैं। निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 125 किलोमीटर दूर है। वहां से टैक्सी, ट्रेन या बस द्वारा भिवानी पहुँचना सुविधाजनक होता है।
वीज़ा
[सम्पादन]भिवानी भारत का एक हिस्सा है, इसलिए भारतीय नागरिकों को यहां यात्रा करने के लिए वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती। विदेशी नागरिकों को भारत आने के लिए भारतीय वीज़ा की आवश्यकता होती है, जो ऑनलाइन (e-Visa) या भारतीय दूतावास से प्राप्त किया जा सकता है।
विमान द्वारा
[सम्पादन]भिवानी में कोई घरेलू या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली) है, जो लगभग 125 किलोमीटर दूर है। वहां से टैक्सी, बस या ट्रेन द्वारा भिवानी पहुँचा जा सकता है।
बस द्वारा
[सम्पादन]भिवानी हरियाणा रोडवेज और निजी बस सेवाओं द्वारा दिल्ली, रोहतक, हिसार, चंडीगढ़ और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भिवानी बस स्टैंड पर नियमित अंतरजिला और अंतरराज्यीय बसें मिलती हैं।
रेल द्वारा
[सम्पादन]भिवानी रेलवे स्टेशन एक मुख्य जंक्शन है और दिल्ली, जयपुर, हिसार, बीकानेर, लुधियाना, चंडीगढ़ आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से नियमित यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनें उपलब्ध हैं।
विमान द्वारा
[सम्पादन]निकटतम एयरपोर्ट दिल्ली है, जहां से भिवानी तक सड़क या रेल मार्ग द्वारा पहुँचना सुविधाजनक है।
देखे
[सम्पादन]गौरी शंकर मंदिर
[सम्पादन]गौरी शंकर मंदिर भिवानी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक माना जाता है। मंदिर में शिवलिंग और माता गौरी की प्रतिमा विराजमान है। महाशिवरात्रि, सावन माह और अन्य शिव पर्वों पर यहां विशेष पूजा और मेले आयोजित होते हैं। शांत वातावरण और धार्मिक ऊर्जा से भरपूर यह मंदिर भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करता है। यह मंदिर भिवानी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का हिस्सा है।
भीम स्टेडियम
[सम्पादन]भीम स्टेडियम भिवानी का एक प्रमुख खेल परिसर है, जिसे हरियाणा राज्य में खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह स्टेडियम विशेष रूप से मुक्केबाज़ी (Boxing) के लिए प्रसिद्ध है, और भिवानी को "मिनी क्यूबा" कहा जाता है क्योंकि यहां से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर निकल चुके हैं। स्टेडियम में एथलेटिक्स, कुश्ती, कबड्डी और अन्य खेलों के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध हैं। आधुनिक प्रशिक्षण उपकरण और अनुभवी कोचों के कारण यह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। भीम स्टेडियम भिवानी की खेल संस्कृति का गौरव है।
भिवानी झील
[सम्पादन]भिवानी झील भिवानी शहर का एक सुंदर और शांति से भरपूर प्राकृतिक स्थल है। यह झील स्थानीय लोगों के लिए एक प्रमुख पर्यटन और विश्राम स्थल है, जहाँ लोग सुबह-शाम टहलने, प्रकृति का आनंद लेने और परिवार के साथ समय बिताने आते हैं। झील के किनारे हरियाली, बैठने की व्यवस्था और साफ-सुथरा वातावरण इसे और आकर्षक बनाता है। त्योहारी अवसरों पर यहां विशेष सजावट की जाती है, जिससे यह स्थल और भी मनोरम दिखता है। भिवानी झील न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि यह शहर की पहचान और शहरी जीवन में ताजगी का स्रोत भी है।
सतलोक आश्रम भिवानी
[सम्पादन]आश्रम लगभग 5 एकड़ में फैला हुआ है जहां पार्किंग स्थल 4 एकड़ में बन हुआ है। आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। जैसे कि आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे निःशुल्क भंडारे और अल्पाहार में चाय बिस्किट की व्यवस्था रहती है।आश्रम में श्रद्धालुओ के लिए नहाने और ठहरने की निःशुल्क व्यवस्था है। नाम दीक्षा लेने वालों के लिए भी आश्रम के अन्दर निःशुल्क नाम दीक्षा की व्यवस्था की गई है। यह आश्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के द्वारा संचालित है। भिवानी गांव के बाहर बना हुआ है यहां पर हमेशा आश्रम की बस सुविधा रहती है जो निःशुल्क आश्रम लाने ले जाने की व्यवस्था है। आश्रम में समागमों पर विशाल भण्डारे, दहेज मुक्त विवाह व रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है।
भिवानी चिड़ियाघर
[सम्पादन]हरियाणा के भिवानी में स्थित यह मिनी चिड़ियाघर पर्यटकों और परिवारों के लिए लोकप्रिय स्थल है। यहाँ प्रायः मगरमच्छ, घड़ियाल, बाघ, तेंदुए, भालू, हिरण‑सांभर, रेगिस्तानी लोमड़ी, चिड़ियाँ जैसे कबूतर, लव‑बर्ड, जावा स्पैरो, उल्लू आदि देखे जा सकते हैं । चिड़ियाघर में गर्मी से बचाव हेतु कूलर, छाँव और पक्षियों के पानी में इलेक्ट्रोलाइट जैसे विशेष इंतजाम किए गए हैं । बच्चों के लिए पार्क, बैठने की व्यवस्था और साफ‑सफाई की सुविधाएं भी मौजूद हैं।
पृथ्वीराज की कचहरी
[सम्पादन]भिवानी ज़िले के तोशाम क्षेत्र में स्थित "पृथ्वीराज की कचहरी" एक ऐतिहासिक स्थल है, जो बिनाथरी (बारहदरी) के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ माना जाता है कि महान राजपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान अपनी न्याय दीक्षा और शासन की बैठकों के लिए इसी कचहरी का प्रयोग करते थे । यह गढ़ बगैर किसी स्तंभों के, चारदीवारी में बनी एक साधारण मगर समृद्ध संरचना है। इसकी वास्तुकला और पुरातात्विक महत्ता स्थानीय इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यह स्थल आज भी बिना प्रवेश शुल्क के खुला रहता है और शांति व अध्यात्म का अनुभव कराता है।
खरीदना
[सम्पादन]भिवानी में पारंपरिक हरियाणवी हस्तशिल्प, हाँडीक्राफ्ट आइटम, कपड़े (विशेषकर सूती वस्त्र), और बाजारों में देसी जूते (जुट्टी), घरेलू उपयोग की वस्तुएं, तथा स्थानीय कृषि उत्पाद जैसे बाजरा, गेहूं आदि खरीदे जा सकते हैं। यहाँ का "लोहा बाजार" और "बड़ा बाजार" प्रमुख खरीदारी स्थल हैं।
खाना
[सम्पादन]भिवानी में हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है जैसे बाजरे की रोटी, मक्के की रोटी, छाछ, कढ़ी, छोले, और देसी घी में बना हुआ पराठा। यहाँ के ढाबों और स्थानीय भोजनालयों में सादा, पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना मिलता है। साथ ही मिठाइयों में घेवर, रबड़ी और खीर प्रसिद्ध हैं।
भाषा
[सम्पादन]भिवानी में मुख्य रूप से हरियाणवी और हिंदी बोली जाती है। ग्रामीण इलाकों में हरियाणवी भाषा की स्थानीय बोलियाँ अधिक प्रचलित हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में हिंदी सामान्य रूप से प्रयोग में लाई जाती है।
पीना
[सम्पादन]यहाँ लोग सामान्यतः साफ़ पानी, छाछ, मठा और गर्मियों में आम पना या बेल का शरबत पीते हैं। सर्दियों में गर्म दूध और देसी घी से बनी चीज़ें प्रचलित हैं।
सोना
[सम्पादन]भिवानी में ठहरने के लिए होटल, धर्मशालाएं और लॉज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के पास किफायती से लेकर मध्यमवर्गीय होटल मिल जाते हैं। इसके अलावा शहर के बाहर शांत वातावरण में कुछ रिज़ॉर्ट्स भी स्थित हैं।