परिचय
[सम्पादन]राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य का एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का नगर है। यह शहर सतपुड़ा पर्वतमाला की तलहटी में बसा है और एक समय में यह राजशाही रियासत था। यहाँ पर राजाओं की कोठियाँ, मंदिर और प्राकृतिक स्थल देखने को मिलते हैं।
समझें
[सम्पादन]राजनांदगांव एक शांत और स्वच्छ नगर है जो धार्मिक स्थलों, प्राचीन संस्कृति और स्थानीय लोककला के लिए जाना जाता है। यह नगर विशेष रूप से डोंगरगढ़ के धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है।
कैसे पहुँचें
[सम्पादन]- रेल मार्ग: राजनांदगांव रेलवे स्टेशन मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित है और दुर्ग, नागपुर, रायपुर जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग ६ और अन्य राज्य मार्गों द्वारा शहर सुगमता से पहुँचा जा सकता है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा रायपुर का स्वामी विवेकानंद विमानतल है (~७० कि.मी.)।
देखने योग्य स्थान
[सम्पादन]- डोंगरगढ़: माँ बम्लेश्वरी देवी का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है। यह छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थों में से एक है।
- मंदिरों की श्रृंखला: शिव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, काली मंदिर।
- राजमहल: पूर्व रियासत के शाही भवन अब संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्यरत हैं।
- मालगुड़ी हिल्स, रामाधीन तालाब जैसे प्राकृतिक स्थल।
करने योग्य गतिविधियाँ
[सम्पादन]- डोंगरगढ़ की पहाड़ियों पर चढ़ाई और मंदिर दर्शन।
- राजमहल के अंदर छायाचित्रण और संग्रहालय भ्रमण।
- स्थानीय मेलों और सांस्कृतिक उत्सवों में भाग लेना।
खरीदारी व खानपान
[सम्पादन]- स्थानीय बाजार: राजनांदगांव का मुख्य बाजार हस्तशिल्प, पूजा सामग्री और छत्तीसगढ़ी परिधान के लिए प्रसिद्ध है।
- खानपान: चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे पारंपरिक व्यंजन। लोकप्रिय भोजनालय - अन्नपूर्णा भोजनालय, श्रीराम भोजनालय।
आवास
[सम्पादन]- होटल: होटल शुभम, होटल महालक्ष्मी, होटल संकल्प जैसे कई मध्यम बजट होटल उपलब्ध हैं।
- पर्यटकों के लिए धर्मशालाएँ और लॉज भी हैं।
यात्रा का उपयुक्त समय
[सम्पादन]अक्टूबर से फरवरी के बीच मौसम ठंडा और सुखद रहता है जो यात्रा के लिए अनुकूल होता है।
अगला गंतव्य
[सम्पादन]- दुर्ग (५५ कि.मी.)
- बेमेतरा (७० कि.मी.)
- कवर्धा, कांकेर, जगदलपुर।